मंगलवार, 8 मार्च 2022

नम्बर देने लायक भी नहीं है गठबन्धन सरकार : कुमारी शैलजा


 हरियाणा की गठबंधन सरकार का बजट एक नंबर देने के लायक भी नहीं : सैलजा


आरोप- पुरानी योजनाओं को नया रूप देकर झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश की गई


चंडीगढ़, 8 मार्च। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री द्वारा हरियाणा विधानसभा में पेश किए गए 2022-23 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में प्रदेशवासियों को कुछ भी ऐसा नहीं मिला, जिस पर गठबंधन सरकार को एक भी नंबर दिया जा सके। यह बजट प्रदेश के लोगों के लिए किसी भी तरह की राहत वाला साबित नहीं हुआ है। बजट पेश करते समय शोर ज्यादा मचाया गया, जबकि इसमें अधिकतर पुरानी योजनाओं को ही नए तरीके से परोसते हुए वाहवाही लूटने की कोशिश की गई। 


यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि इस सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण हरियाणा प्रदेश का किसान हताश और निराश है। सरकार की नीतियों ने किसान वर्ग को पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर ला दिया है। किसानों को उनकी फसल के सही दाम नहीं मिल रहे हैं। उन्हें समय पर भुगतान नहीं होता है। बीते महीनों आई बारिश ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है। किसानों की लागत बढ़ती ही जा रही है। इस बजट से उम्मीद थी कि किसानों को कुछ राहत मिलेगी। लेकिन इस सरकार ने एक बार फिर अपनी किसान विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। 


कुमारी सैलजा ने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है। इस बजट से उम्मीद थी कि सरकार रोजगार सृजन की दिशा में कोई महत्वपूर्ण घोषणा करेगी। मगर सरकार ने कोई भी ऐसी घोषणा नहीं की जिससे कि युवाओं को कोई उम्मीद दिखाई दे सके। प्रदेश के व्यापारी वर्ग को भी इस बजट से घोर निराशा हाथ लगी है। इस सरकार की नाकामियों के कारण तबाह हुए उद्योग धंधों के लिए भी इस बजट में कुछ भी खास नहीं है। प्रदेश के लोगों को उम्मीद थी कि आज आसमान छू रही महंगाई से इस बजट में कुछ हद तक उन्हें राहत मिलेगी। हरियाणा प्रदेश पूरे देश में महंगाई के मामले में प्रथम स्थान पर बना हुआ है। मगर महंगाई के मामले में भी सरकार ने प्रदेशवासियों को निराशा ही दी है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि बजट में कर्मचारियों को उम्मीद थी कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तर्ज पर हरियाणा सरकार भी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करेगी। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं समेत कर्मचारियों को उनकी मांगें मानने की उम्मीद थी। मगर यह सरकार इन उम्मीदों पर भी विफल साबित हुई।


उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जो महिलाओं को इस बजट से उम्मीद थी वह पूरी नहीं हुई। आज के दिन राज्य सरकार एक अच्छा संदेश दे सकती थी परंतु ऐसा नहीं हुआ। महिलाओं को कोई विशेष तोहफा नहीं मिला।


कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के लिए भी इस बजट में कुछ खास नहीं है। बतौर वित्त मंत्री मुख्यमंत्री ने सोनीपत व भिवानी में सरकारी कॉलेज स्थापित करने की बात कही। जबकि, इस बात को वह तीन साल से कहते आ रहे हैं। दरअसल, आज के दिन प्रदेश में कॉलेजों की हालत किसी से छिपी नहीं है। इस समय प्रदेश में 46 कॉलेजों के पास अपने भवन तक नहीं हैं, जबकि 127 कॉलेजों में प्राचार्य के पद खाली पड़े हैं। मुख्यमंत्री ने बजट प्रावधान के दौरान प्रदेश पर लगातार बढ़ रहे कर्ज को लेकर भी कोई ठोस जिक्र नहीं किया। जबकि, इस सरकार के कार्यकाल में हरियाणा पर कर्ज 70 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर ढाई लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। प्रदेश के लोगों के सिर पर खड़े कर्ज को कैसे चुकाया जाएगा, इसको लेकर वे एक शब्द भी विधानसभा में नहीं बोले। इस सरकार में प्रदेश पर कर्ज बढ़ता जा रहा है जो इस सरकार की नाकामियों की पोल खोलता है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री नई शिक्षा नीति की बात करते सुनाई दिए, लेकिन सरकारी स्कूलाें व कॉलेजों में खाली पड़े पदों को भरने के बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा। किसानों को फसल खरीद की गारंटी भी इस बजट में नहीं दी गई। जबकि, किसान मांग करते आए हैं कि उन्हें एमएसपी की गारंटी को लेकर सरकार जरूरी कदम उठाए। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी कोई खास प्रावधान बजट में देखने को नहीं मिला। भिवानी, यमुनानगर, पलवल, महेंद्रगढ़ व जींद जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की बात मुख्यमंत्री ने 2014 में ही कहनी शुरू कर दी थी, जिसका जिक्र इस बजट में भी किया गया है। इससे पता चलता है कि यह बजट लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला ही है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि बजट में महिलाओं, महिला कर्मियों व बच्चों को लेकर कोई खास बात नजर नहीं आई। पिछले सालों की तरह कुपोषित बच्चों के लिए फिर से वही घोषणा कर दी गई। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड को 200 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया, लेकिन बोर्ड के पंचकूला, करनाल, पानीपत व रोहतक में बने मॉल को बेचने की कार्रवाई रोकने बारे कोई बात नहीं की गई। उद्योगों की मांग की अनुसार कौशल प्रशिक्षण केंद्र पहले से चल रहे हैं और इन्हें नए सिरे से स्थापित करने की घोषणा युवाओं के साथ धोखा है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि 500 मॉडल संस्कृति स्कूल स्थापित करने की घोषणा के विपरित मुख्यमंत्री को सरकारी स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरने की व्यवस्था बनाने की जानकारी देनी चाहिए थी। स्कूली बच्चों की साल में दो बार स्वास्थ्य जांच का प्रावधान करना भी सिर्फ छलावा ही है। जिलों में स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य की जांच के लिए स्टाफ तैनात है, जो इस तरह की जांच के साथ ही समय-समय पर टीकाकरण कार्यक्रम भी चलाते हैं।


कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री को बजट में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता को लिमिट फ्री करने का ऐलान करना चाहिए था, ऐसा न होने से वृद्धों के हक पर डाका डाला गया है। सभी के सिर पर साल 2022 तक छत के बारे में मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं बोला, क्योंकि इस वादे की हवा निकल चुकी है। ऐसे ही किसान की दोगुनी आमदनी करने के दावे के बीच उनकी बिगड़ती हालत को लेकर भी मुख्यमंत्री ने किसी तरह के प्रावधान का जिक्र का नहीं किया। खेल नर्सरी खोलने का जिक्र पिछले बजट में भी किया था, अब फिर करके खिलाड़ियों का अपमान किया है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि जिन सड़कों को फोर लेन, सिक्स लेन करने व बाईपास, रिंग रोड बनाने की घोषणा की गई, उन पर या तो काम चल रहा है या फिर इन्हें पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। किसी भी नई सड़क या नए सिरे से इनके चौड़ेकरण का प्रावधान नहीं किया गया।


हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि बीते 11 महीनों में इस सरकार द्वारा विभिन्न विभागों, जिनमें मुख्य रूप से पंचायत,निकाय,बिजली,पुलिस और माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए जारी किए गए बजट में से 70 प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार समय रहते अपना बजट विकास कार्यों पर खर्च नहीं कर पाती है और बची हुई राशि लैप्स हो जाती है।

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