बुधवार, 9 मार्च 2022

अंबाला सिटी का विधानसभा परिणाम



1952 के पहले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अब्दुल गफ्फूर खान ने जनसंघ के मूलराज को परास्त किया था. 

1957 और 1962 में भी अब्दुल गफ्फूर खान ही कांग्रेसी विधायक निर्वाचित हुए। दोनों ही चुनावों में खान ने भारतीय जनसंघ के रघबीर शरण को पराजित किया। 

1967 में खान को जनसंघ के फकीर चंद ने पराजित कर दिया। खान ने अगला चुनाव नग्गल से लड़ा। 

1968 में कांग्रेस की लखवती जैन और जनसंघ के फकीर चंद में चुनावी टक्कर हुई और लखवती ने विजय हासिल की।

 1972 में भी कांग्रेस की लखवती जैन ही चुनाव जीतीं। इस दफ़ा उन्होंने जनसंघ के लक्ष्मी नारायण को पराजित किया। 

1977 में जनता पार्टी के शिव प्रसाद ने कांग्रेस की लखवती जैन को पराजित किया। 

1982 व 1987 में भी शिव प्रसाद ही विधायक निर्वाचित हुए। पहली बार उन्होंने कांग्रेस के सुमेर चंद को और दूसरी बार कांग्रेस के रामयश को परास्त किया। 

1991 में कांग्रेस के सुमेर चंद भट्ट ने भाजपा के फकीर चंद अग्रवाल को शिकस्त दी। 

1996 में फ़कीर चंद अग्रवाल ने कांग्रेसी सुमेर चंद भट्ट को मात दी। 

2000 में भाजपा की वीना छिब्बर कांग्रेस की किरण बाला को पराजित कर विधायक बनीं। 

2005 में कांग्रेस के विनोद शर्मा इनेलो के सुरजीत सिंह को परास्त कर विधायक बने। वीणा छिब्बर (भाजपा) तीसरे स्थान पर रहीं। 

2009 में भी विनोद शर्मा ही लगभग 70 हज़ार वोट लेकर विधायक बने। उन्होंने ने शिरोमणि अकाली दल की बीबी चरणजीत कौर को पराजित किया। भाजपा के डॉ. संजय शम और बसपा के माखन सिंह तीसरे व चौथे स्थान पर रहे। 

2014 में भाजपा के असीम गोयल ने यहां 'कमल' खिलाया। उन्होंने हरियाणा जन चेतना पार्टी के सुप्रीमो व निवर्तम विधायक विनोद शर्मा को पराजित किया। कांग्रेस प्रत्याशी हिम्मत सिंह तीसरे स्थान रहे। (अम्बाला शहर अब अर्ध शहरी विधानसभा क्षेत्र हो गया है। यहां के कुल 2 लाख वोटों में से आधे ग्रामीण इलाक़ों से हैं। 2009 में नए परिसीमन के बाद नम विधानसभा क्षेत्र इस हलके के साथ जुड़ गया था, जिसके बाद पूरी तरह से शहरी म जाने वाले विधानसभा क्षेत्र में करीब 115 गांव शामिल हो गए। अब वही उम्मीदवार यहां से बाज़ी मार सकेगा जिसका शहरी व ग्रामीण दोनों इलाक़ों में जनाधार होगा.

2019 में दोबारा बीजेपी के असीम गोयल ने जीत दर्ज की.

कालका विधानसभा के नतीजे

 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदीप चौधरी ने बीजेपी की लतिका शर्मा को हराया. 

1993 में हुए उपचुनाव में चंद्रमोहन बिश्नोई ने जीत दर्ज की, उस समय दूसरे नम्बर पर आजाद प्रत्याशी प्रदीप चौधरी रहे थे, उसके बाद 1996, 2000 व 2005 में भी जीत दर्ज की।

1996 में प्रदीप चौधरी ने समता पार्टी से चुनाव लड़ा व तीसरे स्थान पर रहे। 2000 में यह सीट बीजेपी गठबन्धन के हिस्से में आ गयी। 


1993 में कांग्रेसी विधायक पुरुषभान का निधन हो गया था। उसके बाद यहां उपचुनाव हुए थे। 

2009 में कालका व पंचकूला अलग-अलग सीट बन गयी तथा फिजा प्रकरण के कारण चंद्रमोहन की टिकट काटकर सतविंदर राणा को टिकट दे दी। तब इनेलो के प्रदीप चौधरी विधायक बने। 2014 में बीजेपी की लतिका शर्मा विधायक बनी और 2019 में प्रदीप चौधरी कांग्रेस की टिकट पर विधायक बनी। 

लतिका शर्मा मूलतः अम्बाला की रहने वाली हैं और बिहार के नेता रामबिलास पासवान की पार्टी लोकजनशक्ति से जुड़ी हुई थी, पासवान ने बीजेपी के साथ गठबन्धन का फायदा उठाते हुए उन्हें टिकट दिलवाई थी।

मंगलवार, 8 मार्च 2022

कर्ज बढ़ा पर जनता को कुछ नहीं मिला : रणदीप सुरजेवाला

                                 हरियाणा में कर्जा बढ़ा, जनता को मिला कुछ नहीं - सुरजेवाला

                                दिशाहीन बजट ने प्रदेश की जनता को एक बार फिर निराश किया

              'क़र्ज़ा लेकर घी पीने, पर कुछ ना करने' के फार्मूले पर आधारित है हरियाणा का बजट





चंडीगढ़, 8 मार्च। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है की भाजपा-जजपा सरकार के 'क़र्ज़ा लेकर घी पीने, पर कुछ ना करने' के फार्मूले पर आधारित दिशाहिन बजट से हरियाणा में कर्जा तो बढ़ा पर जनता को कुछ नहीं मिला।  

प्रदेश पर कर्ज बढ़ा- पर जनता को कुछ नहीं मिला-

बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुरजेवाला ने कहा वर्ष 1966 से 2014 तक यानि 48 साल में विभिन्न सरकारों ने केवल 70,931 करोड़ रुपए ऋण लिया, पर वर्तमान भाजपा सरकार ने सात साल में ही 1,52,837 करोड़ रुपए ऋण लिया। वर्ष 2014-15 तक हरियाणा पर कुल ऋण 70,931 करोड़ रुपए था, जो मार्च 2022 में 215 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़कर 2,23,768 करोड़ हो गया है। सबसे बड़ा सवाल है कि पिछले सात-आठ साल में हरियाणा सरकार ने सब चीज़ों पर टैक्स बढ़ाए, प्रदेश में कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं शुरू हुआ, स्कूल-अस्पताल नहीं बने, एक लाख से ज़्यादा सरकारी पद ख़ाली पड़े हैं, तो फिर 1,52,837 करोड़ रुपए जो ऋण में लिए गए, वो कहाँ खर्च हुए?

टेक्निकल एजुकेशन और इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग के लिए बजट में भारी कमी-

श्री सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा बजट में टेक्निकल एजुकेशन औऱ इंड्स्ट्रीयल ट्रेनिंग के लिए बजट को दो-तिहाई से ज्यादा घटा दिया गया है, जिसका मतलब है कि सरकार प्रदेश के युवाओं को रोजगारोन्मुखी तकनीकी शिक्षा नहीं देना चाहती, जबकि प्रदेश में पहले ही देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में 1,522 करोड़ रुपए टेक्निकल एजुकेशन और इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग के लिए खर्च हुए थे, लेकिन सरकार ने अगले वर्ष 2022-23 के लिए उसे घटाकर 400 करोड़ कर दिया है।

सरकार ने रखा टैक्सों में बढ़ोतरी का प्रावधान-

प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए टैक्स रेवेन्यू में एक्साइज, वैट, स्टेट जीएसटी और स्टाम्प ड्यूटी जैसे टैक्सों में बढ़ोतरी का प्रावधान रखा है, जिसका मतलब है सरकार पेट्रोल-डीजल के वैट पर कोई राहत नहीं देने वाली औऱ प्रदेश की जनता पर टैक्सों का बोझ बढ़ाया जाएगा।

लोकल बॉडीज के लिए बजट घटाया-

वर्ष 2020-21 में ग्राम पंचायतों को ग्रांट-इन-एड के रुप में 1,264 करोड़ रुपए दिए गए थे, लेकिन उसके मुकाबले में 2021-22 में केवल 1,091.4 करोड़ दिए गए और अब 2022-23 में केवल 1,126.23 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रकार शहरी स्थानीय निकायों को भी ग्रांट-इन-एड के रुप में वर्ष 2020-21 में 1,825 करोड़ रुपए दिए गए थे, लेकिन पिछले वर्ष 2021-22 में केवल 1,697.4 करोड़ ही दिए गए, वर्ष 2022-23 के लिए बढ़ती महंगाई के बावजूद केवल 1,749.57 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।

वर्ष 2020-21 में सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के विकास तथा कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में प्रावधान किए गए राशि को पूरा खर्च न करके अपनी जन विरोधी सोच को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

बजट कोरी भाषणबाजी और भ्रामक आंकड़ेबाजी : भूपेंद्र हुड्डा


 BJP-JJP सरकार का बजट कोरी भाषणबाजी और भ्रामक आंकड़ेबाजी का मिश्रण है। बजट को हर बार पहले बढ़ा - चढ़ाकर दिखाया जाता है, बाद में उसे संशोधित करके कम कर दिया जाता है। 


लगता है सरकार ‘आगे दौड़, पीछे छोड़’ की नीति पर चल रही है।


सरकार ने रिकॉर्ड बेरोजगारी के इस दौर में भी आर्थिक प्रगति व ढांचागत बजट में 3% की कटौती कर दी।


यही नहीं, पिछले साल के मुकाबले शिक्षा का बजट भी कम कर दिया गया। प्रदेश पर कर्ज बढ़कर करीब 2.5 लाख करोड़ हो चुका है जिससे कर्ज भुगतान खर्च बढ़ गया है।


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पेश बजट से महिलाओं की सारी उम्मीदें टूट गईं।


आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं, लेकिन उनकी मांगों पर बजट खामोश नजर आया। सरकार ने इन महिला कर्मचारियों की हमेशा की तरह पूर्ण अनदेखी की।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार को GSDP का 8% खर्च करना चाहिए लेकिन सरकार ने महज 4% की घोषणा की है। इसी तरह नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक सरकार को GSDP का 6% खर्च करना चाहिए लेकिन सरकार ने महज 2% की घोषणा की है।


बजट घोषणाओं से सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई!

कर्जा चुकाने के लिए कर्ज ले रही सरकार : अभय चौटाला


 सिर्फ कर्जा चुकाने के लिए कर्ज ले रही भाजपा सरकार: अभय चौैटाला


चंडीगढ़। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने हरियाणा की गठबंधन सरकार के बजट को फ्लॉप शो करार देते हुए सरकार पर हरियाणा को कर्ज के दलदल में धकेलने का आरोप लगाया है।

 उन्होंने कहा कि पिछले कर्ज की अदायगी लगभग 56 हजार करोड़ बनती है, उसको चुकाने के लिए सरकार ने लिया 55 हजार करोड़ का कर्ज


पिछले सात सालों में भाजपा सरकार ने 1 लाख 40 हजार करोड़ का कर्ज लिया है लेकिन एक पैसा भी कहीं सरकारी इमारत, युनिवर्सिटी या खेल स्टेडियम पर खर्च नहीं किया गया


उलटा अम्बाला में बनाए गए खेल स्टेडियम में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है जिसे खुद मंत्री विज ने स्वीकार किया है


2005 में जब चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की सरकार गई तब प्रदेश के खजाने में 8 हजार करोड़ रूपए छोड़ कर गए थे


पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने स्वयं एक सम्मेलन में चौटाला सरकार की वित्तीय प्रबंधन की तारीफ की थी


चंडीगढ़, 8 मार्च: इनेलो नेता एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को भाजपा सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट पर प्रेस वार्ता कर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि सदन में सत्तापक्ष ने बजट अभिभाषण के दौरान मुख्यमंत्री का उत्साहवर्धन तक नहीं किया। मुख्यमंत्री ने बजट को 25 साल तक का रोड मैप बताया है, जिसमें 15 से लेकर 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाई है जो पूर्णतया प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाला है।  

कोई भी सरकार कर्जा विकास कराने के लिए लेती है लेकिन प्रदेश की भाजपा गठबंधन सरकार जिसकी पिछले कर्ज की अदायगी लगभग 56 हजार करोड़ बनती है, उसको चुकाने के लिए 55 हजार करोड़ का कर्ज ले रही है। सरकार ने पिछले सात सालों में 1 लाख 40 हजार करोड़ का कर्ज लिया है लेकिन एक पैसा भी कहीं सरकारी इमारत, युनिवर्सिटी या खेल स्टेडियम पर खर्च नहीं किया गया है। उलटा अम्बाला में बनाए गए खेल स्टेडियम में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है जिसे खुद मंत्री विज ने स्वीकार किया है। मुख्यमंत्री खट्टर कहते हैं कि बगैर कर्जा लिए सरकार नहीं चलती। उन्होंने कहा कि 2000-2005 के चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री शासनकाल में बिना कर्जा लिए सरकार चली और प्रदेश में सबसे ज्यादा विकास हुए। जब सरकार गई तब प्रदेश के खजाने में 8 हजार करोड़ रूपए छोड़ कर गए थे। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने एक सम्मेलन में चौटाला सरकार की वित्तीय प्रबंधन की तारीफ की थी। 

अभय सिंह चौटाला ने कहा, ग्रामीण विकास ,परिवहन, पंचायत और सिंचाई ऐसे मद हैं जिनके विकास का सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ता है। लेकिन इनका बजट बढ़ाया नहीं घटाया गया है। भाजपा सरकार और महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण में विरोधाभास दिखाई दिया जहां मुख्यमंत्री ने बजट अभिभाषण के दौरान 4 मेडिकल कॉलेज की बात की है वहीं राज्यपाल अपने अभिभाषण में 5 मेडिकल कॉलेज की घोषणा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चार मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है लेकिन 500 करोड़ में 4 मेडिकल कालेज कैसे बना सकते हैं, इतने पैसे में जमीन भी नहीं आएगी। केंद्र की योजनाओं को प्रदेश के विकास में जोडक़र बजट में जिक्र किया गया है।

इनेलो नेता ने कहा राज्यपाल अभिभाषण में एसवाईएल का जिक्र हुआ है लेकिन बजट में सरकार ने कोई प्रावधान नहीं किया। मुख्यमंत्री ने एसवाईएल को लेकर कोई प्रयास नहीं किया है। बजट में हमेशा 100 करोड़ का प्रावधान एसवाईएल के लिए किया जाता था लेकिन इस बार एक रुपया भी नहीं दिया।

दिशाहीन बजट है : कुलदीप बिश्नोई


 गठबंधन सरकार का बजट पूरी तरह दिशाहीन : बिश्नोई


चंडीगढ़ 08 मार्च: कांग्रेस केन्द्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा-जजपा सरकार द्वारा आज विधानसभा में पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘कर्ज तले हरियाणा को डुबोते जाओ और खुद मियाँ मिठू बनते जाओ’’। यही है 2014 से 2022 तक भाजपा सरकार की कहानी। पिछले 7 सालों में प्रदेश पर 2,23,768 करोड़ का कर्ज चढ़ गया है और सरकार के नकारापन से ज्यादातर विभाग भारी घाटे में हैं। 


बिश्नोई ने कहा कि पुराने बजट की आधी से ज्यादा योजनायें पूरी भी नहीं हुई फिर से झूठे आंकड़ों के जाल से जनता को इस बजट से गुमराह करने की विफल कोशिश मुख्यमंत्री जी के बजट भाषण से की गई है। रोडवेज में नई बसें शामिल करने की घोषणा पुरानी है। इसी तरह शिक्षा का कायापल्ट करने के दावे तो किए गए हैं, परंतु पिछले 7 सालों में जो हालत राज्य के सरकारी स्कूलों की हुई है सभी के सामने है। स्कूलों में 38 हजार पद खाली पड़े हैं। इन्हें कब तक भरा जाएगा और किस तरह से शिक्षा का स्तर मुख्यमंत्री जी ऊंचा करेंगे के बारे में कोई भी ठोस योजना इस बजट में नहीं बताई गई। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह बजट आने वाले 25 सालों में विकास की दिशा निश्चित करेगा, जबकि वे भूल गए हैं यह आगामी एक वर्ष का बजट है और पिछले बजट की जो घोषणाएं अधूरी रह गई हैं और इस बजट की घोषणाएं क्या वे 25 सालों में पूरा करेंगे। 

उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदारी होने का दावा भी झूठा है, क्योंकि राज्य में किसान इसके लिए निरंतर आंदोलन कर रहे हैं और 2020-2021 की खराब फसलों का उचित मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं मिल पाया है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से दिशाहीन और निरंतर घाटे का बजट है। 

2 लाख 43 हजार 768 रूपए के घाटे के बजट को पेश करना दर्शाता है कि भाजपा-जजपा सरकार में ज्यादातर सरकारी विभागों की विकास परियोजनाएं दिशाहीन व भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी नजर आती हैं। इसलिए वे घाटे में जा रही हैं।

नम्बर देने लायक भी नहीं है गठबन्धन सरकार : कुमारी शैलजा


 हरियाणा की गठबंधन सरकार का बजट एक नंबर देने के लायक भी नहीं : सैलजा


आरोप- पुरानी योजनाओं को नया रूप देकर झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश की गई


चंडीगढ़, 8 मार्च। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री द्वारा हरियाणा विधानसभा में पेश किए गए 2022-23 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में प्रदेशवासियों को कुछ भी ऐसा नहीं मिला, जिस पर गठबंधन सरकार को एक भी नंबर दिया जा सके। यह बजट प्रदेश के लोगों के लिए किसी भी तरह की राहत वाला साबित नहीं हुआ है। बजट पेश करते समय शोर ज्यादा मचाया गया, जबकि इसमें अधिकतर पुरानी योजनाओं को ही नए तरीके से परोसते हुए वाहवाही लूटने की कोशिश की गई। 


यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि इस सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण हरियाणा प्रदेश का किसान हताश और निराश है। सरकार की नीतियों ने किसान वर्ग को पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर ला दिया है। किसानों को उनकी फसल के सही दाम नहीं मिल रहे हैं। उन्हें समय पर भुगतान नहीं होता है। बीते महीनों आई बारिश ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है। किसानों की लागत बढ़ती ही जा रही है। इस बजट से उम्मीद थी कि किसानों को कुछ राहत मिलेगी। लेकिन इस सरकार ने एक बार फिर अपनी किसान विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। 


कुमारी सैलजा ने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है। इस बजट से उम्मीद थी कि सरकार रोजगार सृजन की दिशा में कोई महत्वपूर्ण घोषणा करेगी। मगर सरकार ने कोई भी ऐसी घोषणा नहीं की जिससे कि युवाओं को कोई उम्मीद दिखाई दे सके। प्रदेश के व्यापारी वर्ग को भी इस बजट से घोर निराशा हाथ लगी है। इस सरकार की नाकामियों के कारण तबाह हुए उद्योग धंधों के लिए भी इस बजट में कुछ भी खास नहीं है। प्रदेश के लोगों को उम्मीद थी कि आज आसमान छू रही महंगाई से इस बजट में कुछ हद तक उन्हें राहत मिलेगी। हरियाणा प्रदेश पूरे देश में महंगाई के मामले में प्रथम स्थान पर बना हुआ है। मगर महंगाई के मामले में भी सरकार ने प्रदेशवासियों को निराशा ही दी है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि बजट में कर्मचारियों को उम्मीद थी कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तर्ज पर हरियाणा सरकार भी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करेगी। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं समेत कर्मचारियों को उनकी मांगें मानने की उम्मीद थी। मगर यह सरकार इन उम्मीदों पर भी विफल साबित हुई।


उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जो महिलाओं को इस बजट से उम्मीद थी वह पूरी नहीं हुई। आज के दिन राज्य सरकार एक अच्छा संदेश दे सकती थी परंतु ऐसा नहीं हुआ। महिलाओं को कोई विशेष तोहफा नहीं मिला।


कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के लिए भी इस बजट में कुछ खास नहीं है। बतौर वित्त मंत्री मुख्यमंत्री ने सोनीपत व भिवानी में सरकारी कॉलेज स्थापित करने की बात कही। जबकि, इस बात को वह तीन साल से कहते आ रहे हैं। दरअसल, आज के दिन प्रदेश में कॉलेजों की हालत किसी से छिपी नहीं है। इस समय प्रदेश में 46 कॉलेजों के पास अपने भवन तक नहीं हैं, जबकि 127 कॉलेजों में प्राचार्य के पद खाली पड़े हैं। मुख्यमंत्री ने बजट प्रावधान के दौरान प्रदेश पर लगातार बढ़ रहे कर्ज को लेकर भी कोई ठोस जिक्र नहीं किया। जबकि, इस सरकार के कार्यकाल में हरियाणा पर कर्ज 70 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर ढाई लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। प्रदेश के लोगों के सिर पर खड़े कर्ज को कैसे चुकाया जाएगा, इसको लेकर वे एक शब्द भी विधानसभा में नहीं बोले। इस सरकार में प्रदेश पर कर्ज बढ़ता जा रहा है जो इस सरकार की नाकामियों की पोल खोलता है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री नई शिक्षा नीति की बात करते सुनाई दिए, लेकिन सरकारी स्कूलाें व कॉलेजों में खाली पड़े पदों को भरने के बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा। किसानों को फसल खरीद की गारंटी भी इस बजट में नहीं दी गई। जबकि, किसान मांग करते आए हैं कि उन्हें एमएसपी की गारंटी को लेकर सरकार जरूरी कदम उठाए। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी कोई खास प्रावधान बजट में देखने को नहीं मिला। भिवानी, यमुनानगर, पलवल, महेंद्रगढ़ व जींद जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की बात मुख्यमंत्री ने 2014 में ही कहनी शुरू कर दी थी, जिसका जिक्र इस बजट में भी किया गया है। इससे पता चलता है कि यह बजट लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला ही है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि बजट में महिलाओं, महिला कर्मियों व बच्चों को लेकर कोई खास बात नजर नहीं आई। पिछले सालों की तरह कुपोषित बच्चों के लिए फिर से वही घोषणा कर दी गई। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड को 200 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया, लेकिन बोर्ड के पंचकूला, करनाल, पानीपत व रोहतक में बने मॉल को बेचने की कार्रवाई रोकने बारे कोई बात नहीं की गई। उद्योगों की मांग की अनुसार कौशल प्रशिक्षण केंद्र पहले से चल रहे हैं और इन्हें नए सिरे से स्थापित करने की घोषणा युवाओं के साथ धोखा है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि 500 मॉडल संस्कृति स्कूल स्थापित करने की घोषणा के विपरित मुख्यमंत्री को सरकारी स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरने की व्यवस्था बनाने की जानकारी देनी चाहिए थी। स्कूली बच्चों की साल में दो बार स्वास्थ्य जांच का प्रावधान करना भी सिर्फ छलावा ही है। जिलों में स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य की जांच के लिए स्टाफ तैनात है, जो इस तरह की जांच के साथ ही समय-समय पर टीकाकरण कार्यक्रम भी चलाते हैं।


कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री को बजट में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता को लिमिट फ्री करने का ऐलान करना चाहिए था, ऐसा न होने से वृद्धों के हक पर डाका डाला गया है। सभी के सिर पर साल 2022 तक छत के बारे में मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं बोला, क्योंकि इस वादे की हवा निकल चुकी है। ऐसे ही किसान की दोगुनी आमदनी करने के दावे के बीच उनकी बिगड़ती हालत को लेकर भी मुख्यमंत्री ने किसी तरह के प्रावधान का जिक्र का नहीं किया। खेल नर्सरी खोलने का जिक्र पिछले बजट में भी किया था, अब फिर करके खिलाड़ियों का अपमान किया है।


कुमारी सैलजा ने कहा कि जिन सड़कों को फोर लेन, सिक्स लेन करने व बाईपास, रिंग रोड बनाने की घोषणा की गई, उन पर या तो काम चल रहा है या फिर इन्हें पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। किसी भी नई सड़क या नए सिरे से इनके चौड़ेकरण का प्रावधान नहीं किया गया।


हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि बीते 11 महीनों में इस सरकार द्वारा विभिन्न विभागों, जिनमें मुख्य रूप से पंचायत,निकाय,बिजली,पुलिस और माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए जारी किए गए बजट में से 70 प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार समय रहते अपना बजट विकास कार्यों पर खर्च नहीं कर पाती है और बची हुई राशि लैप्स हो जाती है।

अंबाला सिटी का विधानसभा परिणाम

1952 के पहले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अब्दुल गफ्फूर खान ने जनसंघ के मूलराज को परास्त किया था.  1957 और 1962 में भी अब्दुल गफ्फूर खान ...